Tuesday, January 13, 2009

WD WD

कुदरत का सबसे अनमोल तोहफा प्यार है। यह बाँटने से और बढ़ता है तथा अपनी भीनी-भीनी महक को प्रकृति में चारों ओर बिखेर देता है। यूँ तो प्यार के प्रेम, इश्क, लव रोमांस, चाहत, मोहब्बत जैसे कई प्यारे नाम हैं पर प्यार की खूबसूरती पर इन नामों का कोई असर नहीं होता है। लोग बदल जाते हैं, पर प्यार कभी नहीं बदलता है। यह तो ऐसा संक्रामक रोग है जो देखने से भी फैलता है और कभी भी, कहीं भी, किसी को भी हो सकता है।

कुछ लोग कहते हैं कि प्यार किया नहीं जाता, बस हो जाता है। पर प्यार देखकर, समझकर तो किया ही जा सकता है। प्यार क्या है, किससे करें, कब करें ऐसे कई अनसुलझे सवाल हैं कि अगर जानबूझकर इन्हें नजरअंदाज किया जाए तो अंत में निराशा तथा दिल के टूटने की आहट ही सुनाई देती है। कई बार जिएँगे तो साथ-मरेंगे तो साथ ऐसी कसमें खाकर उसे निभाने के वादे तो लोग कर लेते हैं लेकिन प्रेम में परवान चढ़ते-चढ़ते जब जिंदगी की हकीकत से सामना होता है तो सारे सपने उनके कदमों तले टूटकर बिखर जाते हैं और कुछ दिनों का इश्क जीवनभर के अश्क बन जाता है।

यह स्थिति स्वाभाविक भी है क्योंकि जब कोई किसी से सच्चा प्रेम करता है एवं केवल सामने वाले के रूप-रंग से आकर्षित नहीं होता बल्कि उसकी सीख से प्रेम करता है तो वह कभी भी यह जानने की कोशिश नहीं करता है कि वह जिसके इश्क में गिरफ्तार है, वह उसके प्रति क्या सोचता/सोचती है। वह वफादार है या नहीं। उसकी आने वाले भविष्य में क्या योजनाएँ एवं संभावनाएँ हैं। इसी का परिणाम होता है- मोहब्बत में बेवफाई। हालाँकि सभी के साथ ऐसा नहीं होता है कि इश्क में ठोकरें ही मिलें, पर कोई जानबूझकर कुएँ में क्यों कूदे।

कई आशिकों की गाड़ी जब प्यार के प्लेटफार्म से गुजरकर शादी के स्टेशन पर रुकती है तो बिना टिकट के यात्री की तरह इनकी सचाई भी सामने आने लगती है। ऐसे में समझदार माँ-पिता केवल प्यार के नाम पर ही बेटे-बेटी की शादी उस लड़के-लड़की से करने को तैयार नहीं होते हैं जो केवल प्यार का दम भरता है। ऐसे मामलों में अगर कभी शादी हो भी जाए तो लोग कुछ दिनों तक तो मदद करते हैं, फिर तो दोस्त भी कन्नी काट लेते हैं।



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ऐसे में विवाह भी नाकामयाब हो जाता है और छोटी-सी गलती नासूर बनकर जीवनभर दर्द का अनुभव कराती है। कहने का अर्थ यह है कि जिस प्रकार पैसा कमाने के लिए शिक्षा, अनुभव एवं सीखना आवश्यक है, उसी प्रकार प्रेम को जीवन पर्यन्त सुंदर बनाए रखने के लिए भी यह जरूरी है कि हम इसके बारे में देख लें, परख लें एवं धोखा खाने से संभवतः बचने का प्रयास करें।

यूँ तो प्यार में चोट देने वाला, पहचान के बाद भी चोट दे सकता है। पर फिर भी थोड़ी खोजबीन जरूरी है। आपने देखा भी होगा कि कोई आपको प्यार तो बहुत करता है पर कह नहीं पाता या फिर हमेशा ही जताता रहता है। ऐसी स्थिति में कभी-कभी आप बड़ी उलझनों में भी घिर जाते हैं। इन समस्याओं से बचने और अपने प्यार को परखने के लिए कुछ सामान्य से उपाय करके देखिए-

* अगर सामने वाला चाहता है और आपके लिए कुछ भी करने को तैयार है परंतु इस बात को अहसान बताकर याद दिलाता रहता है तो समझ लेना चाहिए कि वह आपसे प्यार नहीं करता है और आपको अपने अहसानों तले दबाकर रखना चाहता है।



अगर आपको पसंद करने वाला आपकी सभी बातों का समर्थन करे। चाहे गलत हो या सही, तो मानना चाहिए कि सामने वाला आपको पाने के मकसद से ही आपकी गलतियों को छिपा रहा है। ऐसा वह किसी और स्थिति में भी कर सकता है।



* यदि आपका प्रेमी/प्रेमिका आपके सामने ही आपके दोस्त या सहेलियों को मोहने की कोशिश कर रहे हों तो आगे क्या होगा। यह जरूर सोचें। अगर आगे भी वह ऐसा ही व्यवहार रखता है तो वह इनसान प्रेमी तो क्या दोस्त भी नहीं बनाया जा सकता है।

* प्यार में उपहारों का बड़ा गहरा रिश्ता है। यदि कोई आपको ऐसा तोहफा दे जो आपके बहुत काम का हो, तो यह समझना होगा कि वह आपका ख्याल रखता है एवं स्वयं से अधिक आपकी भावनाओं के बारे में सोचता है। ऐसा व्यक्ति आपके लिए बेहतर साथी सिद्ध हो सकता है।

* अगर आपको पसंद करने वाला आपकी सभी बातों का समर्थन करे, चाहे गलत हो या सही, तो मानना चाहिए कि सामने वाला आपको पाने के मकसद से ही आपकी गलतियों को छिपा रहा है। ऐसा वह किसी और स्थिति में भी कर सकता है।

* यदि प्रेमी/प्रेमिका आपकी उन मामलों में भी मदद करे, जो उसकी सीमा के बाहर है तो यह मानना चाहिए कि आपको बहुत चाहता है और सदा काम करने के लिए आगे रहता है।

* अगर कभी प्यार करने वाला आपका जन्मदिन ही भूल जाए या अन्य जरूरी मौकों पर सहयोग न करे और प्यार का दम भरे तो समझ लीजिए कि वह आपके बारे में कम और खुद की रक्षा करने के बारे में अधिक सोचता है।

* यदि कोई लम्बे समय तक आपसे मिलता रहे, प्यार जताता रहे परंतु शादी की बात बिना किसी बड़े कारण के टालता रहे तो निश्चित ही वह आपसे शादी नहीं करना चाहता है। केवल टाइमपास बना रखा है। ऐसे में तत्काल निर्णय लेना चाहिए।

* शादी से पहले ही अगर साथी का व्यवहार एवं माँगें अनुचित हों तथा तरह-तरह के प्रलोभन देकर वह केवल अपनी बात ही मनवाना चाहे तो स्वयं फैसला कीजिए कि ऐसा साथी जीवन के सफर में आप से कितनी वफा निभा सकेगा।

* यदि आपको चाहने वाला आपके अलावा आपके पूरे परिवार को भी उचित मान-सम्मान देता है तथा परिवार में सदस्य की तरह ही व्यवहार करे तो मान लीजिए कि ऐसे व्यक्ति से आप शादी कर सकते हैं।

* शादी से पहले लड़के/लड़की के परिवार संबंधी एवं कामकाज के बारे में भी खोज कर लें। प्रेमी यदि बेरोजगार है तो सोच-समझकर ही प्यार को आगे बढ़ाएँ अन्यथा स्पष्ट बात कर लें।

कुल मिलाकर इन बिंदुओं के आधार पर आप कम से कम यह निष्कर्ष तो निकाल ही सकते हैं कि जिससे आप प्यार कर रहे हैं वह आपके साथ कहाँ तक चल पाएगा। यकीन मानिए इनको अपनाकर अगर आपने अपने दिल को टूटने से बचा लिया तो कभी भविष्य में यह नहीं सुनना पड़ेगा कि

'मुहब्बत है, जरा सोच समझकर रोना,
एक आँसू भी टूटा, तो सुनाई देगा।'

इसलिए प्यार में बेवफाई करने और सहने से अच्छा है कि जब प्यार हो तो प्यार को कसौटी पर घिसकर परख भी लें।

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